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महराजगंज। बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धिरि पांडेय के आदेश पर चार शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि एक अन्य शिक्षिका के खिलाफ भी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
कार्रवाई की जद में आए शिक्षकों में मिठौरा ब्लॉक के परसौनी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवशंकर यादव भी शामिल हैं। वर्ष 1995 में नियुक्त हुए शिवशंकर का हाईस्कूल (1977) और इंटरमीडिएट (1979) प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया।
इसी प्रकार परतावल ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय परसीना के सहायक अध्यापक घनश्याम का भी 1984 का हाईस्कूल प्रमाणपत्र जाली साबित हुआ। वर्ष 1997 में बहराइच में नियुक्त घनश्याम दिसंबर 2003 में महराजगंज स्थानांतरित हुए थे।
घुघली ब्लॉक की सहायक अध्यापिका शबाना खातून ने वर्ष 2013 का फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र लगाकर 2016 में नियुक्ति पाई थी। सत्यापन में गड़बड़ी सामने आने पर उन्हें भी सेवा से हटा दिया गया।
इसी तरह परतावल ब्लॉक के पिपरा खादर प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक खुश्बुद्दीन का 2013 का टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया, जिसके आधार पर उन्हें भी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
इसके अतिरिक्त बसहिया बुजुर्ग विद्यालय की शिक्षिका जगलक्ष्मी के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं। उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, जिन चार शिक्षकों को सेवा से हटाया गया है, उनमें दो ने हाईस्कूल व इंटर के फर्जी प्रमाणपत्र लगाए थे, जबकि तीन ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के जाली दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल की थी।