नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके के मामले में कोतवाली पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 16 और 18, साथ ही विस्फोटक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि इस कदम की वजह धमाके की गंभीरता है।
घटना के तुरंत बाद सुरक्षा एजेंसियों ने मौके पर कार्रवाई की। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मामला गंभीर है, इसलिए FIR में कड़ी धाराओं का प्रयोग किया गया।
सीआईएसएफ ने जारी किया हाई अलर्ट
धमाके के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सभी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने दिल्ली मेट्रो, लाल किला, सरकारी भवन और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित सभी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सुरक्षा कर्मियों को पूरी तरह चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सीआईएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि यात्रियों की तलाशी और निगरानी बढ़ा दी गई है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। नागरिकों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या सुरक्षा बलों को दें।
फिदायीन हमले की आशंका
प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिल रहा है कि लाल किला के सामने हुए धमाके में फिदायीन हमला हो सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस कार में धमाका हुआ, उसमें तीन लोग सवार थे और विस्फोट के बाद उनके शरीर के चिथड़े उड़ते देखे गए।
घायलों और मृतकों की संख्या
पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने देर रात तक जांच के बाद बताया कि इस घटना में 20 लोग घायल हुए हैं और 8 की मौत हुई है।
जांच जारी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, खुफिया विभाग और NIA टीम मौके पर जुटी हुई है। फोरेंसिक टीम ने धमाके वाली कार से धातु के टुकड़े, वायरिंग और केमिकल अवशेष जुटाए हैं।
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि धमाका फिदायीन हमले का परिणाम था या किसी की कार में बम प्लांट किया गया था। जांच में सभी एंगल पर ध्यान दिया जा रहा है।

