अलीगढ़। 27 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर क्षत्रिय समाज के कुछ युवकों द्वारा किए गए हमले के बाद राजनीति गरमा गई है। सपा डेलीगेशन उस समय बुलंदशहर के एक दलित परिवार से मिलने जा रहा था। रास्ते में काफिले पर हमला हुआ जिससे बचने के प्रयास में काफिले की 10 गाड़ियाँ आपस में टकरा गईं।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कुछ हमलावरों को हिरासत में लिया, लेकिन चंद घंटों बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया, जिससे विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“ये है भाजपा राज में एक दलित सांसद के ऊपर हुए जानलेवा हमले पर की गई दिखावटी कार्रवाई। अगर 24 घंटे में ही छोड़ना था तो गिरफ़्तार ही क्यों किया था? उत्तर प्रदेश का पीडीए समाज यह नाइंसाफ़ी देख रहा है। यहाँ ‘महा अन्यायराज’ है, और कुछ नहीं कहना है।”
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। विपक्ष इस घटना को दलित समाज के अपमान से जोड़ते हुए सत्तारूढ़ योगी सरकार की आलोचना कर रहा है।
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