गोरखपुर/संभल — गोरखपुर के मठ का नाम लेकर पुलिस अधिकारियों को धमकाने और वसूली की कोशिश करने के आरोप में पुलिस ने कथावाचक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे मामले में भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल भी आरोपी बनाए गए हैं। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
फोन कर मांगे 20 हजार, गोरखपुर मठ का नाम लेकर बनाया दबाव
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में रामनगर (बाराबंकी) निवासी कथावाचक नरेंद्र, सुधीर कुमार मिश्रा और पटवाई (रामपुर) निवासी राज शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने कोटपूर्वी निवासी व्यापारी विपुल गुप्ता को फोन कर गोरखपुर मठ का प्रभाव दिखाते हुए कोतवाल की अच्छी पोस्टिंग दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की।
जांच में खुलासा हुआ कि इन आरोपियों को यह साजिश कपिल सिंघल ने रची थी, जिसने विपुल गुप्ता से व्यक्तिगत लेनदेन विवाद में दबाव बनाने के लिए गिरोह को 30 हजार रुपये एडवांस भी दिए थे।
मीट फैक्टरी मालिक से भी वसूली की थी योजना
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने 30 जनवरी को कोतवाली प्रभारी अनुज तोमर के सीयूजी नंबर पर कॉल कर खुद को गोरखपुर मठ से बताकर इंडियन फ्रोजन फूड कंपनी के मालिक से बात कराने का दबाव बनाया। आरोपियों का इरादा फैक्टरी मालिक को धमकाकर वसूली करने का था, लेकिन कोतवाल ने साजिश भांपते हुए बातचीत कराने से इनकार कर दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय की फर्जी मुहर का इस्तेमाल
एसपी विश्नोई ने बताया कि यह गिरोह मुख्यमंत्री कार्यालय की फर्जी मुहर लगाकर प्रदेश भर के राजस्व और पुलिस अधिकारियों को पत्र भेज रहा था। पिछले एक महीने में 33 राजस्व अधिकारियों और 36 पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर कुल 135 कॉल किए गए। पुलिस ने कहा कि गिरोह की गहन जांच जारी है और जल्द ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
संपत्ति विवाद में फंसा भाजपा नेता का परिवार
पूरा मामला उस समय और पेचीदा हो गया जब भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल का नाम भी आरोपियों के साथ जुड़ गया। पुलिस के अनुसार, कपिल सिंघल ने करोड़ों रुपये की संपत्ति के विवाद में विपुल गुप्ता पर दबाव बनाने के लिए इस गिरोह की मदद ली थी।
इसी संबंध में पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। संपत्ति में पेट्रोल पंप, प्लॉट, ट्रक, कार और बाइक शामिल हैं, जो कथित तौर पर कपिल सिंघल के नाम की हैं लेकिन कागजों में विवादित व्यक्ति के नाम चढ़ाई गई हैं।
उत्पीड़न का आरोप, मुख्यमंत्री से भी मिले थे सिंघल
रविवार को कोटपूर्वी स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में राजेश सिंघल ने कहा, “मेरे परिवार के खिलाफ साजिश के तहत अब तक छह मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। उत्पीड़न की आशंका को लेकर हमने 13 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी बात रखी थी। मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया था।”
राजेश सिंघल ने आरोप लगाया कि राजनीतिक विरोधियों ने भाजपा में शामिल होकर वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह किया है, जिसके चलते गलत कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि न्याय नहीं मिला तो वे न्यायालय का सहारा लेंगे।