महराजगंज। जनपद में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा और पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने सदर तहसील क्षेत्र के लक्ष्मीपुर देउरवा, अगया सहित कई गाँवों का स्थलीय निरीक्षण किया। पराली जलाने पर प्रभावी नियंत्रण के लिए दोनों अधिकारियों ने खेतों में जाकर स्थिति का जायजा लिया और संबंधित विभागों को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान ग्राम अगया में एक कंबाइन मशीन द्वारा बिना SMS के धान की कटाई करते हुए पाया गया, जिस पर प्रशासन ने मौके पर ही मशीन को सीज़ कर दिया। जिलाधिकारी ने तहसीलदार सदर को ग्राम स्तर पर टीमें भेजकर पराली जलाने वालों की पहचान सुनिश्चित करने और बिना किसी ढिलाई के कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने सीओ सदर को बीट कांस्टेबलों को सक्रिय कर पराली जलाने वालों को चिन्हित करने और आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।जिलाधिकारी ने किसानों से बातचीत करते हुए पराली जलाने के खतरे और पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है, वायु प्रदूषण बढ़ता है और इससे मानव व पशु स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने किसानों को हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS), रोटावेटर, कम्पोस्ट निर्माण जैसी वैकल्पिक तकनीकों के उपयोग के लिए प्रेरित किया।उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासन का उद्देश्य किसानों पर दंड लगाना नहीं, बल्कि उन्हें जागरूक कर पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अतिरिक्त पराली को गौशालाओं को दान करने का सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि पराली ले जाने में जिला प्रशासन किसानों की मदद करेगा। साथ ही चेतावनी दी कि पराली जलाना गैरकानूनी है और उच्चतम न्यायालय एवं एनजीटी के निर्देशों के अनुसार दोषियों पर मुकदमा दर्ज कर जुर्माना सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी।कृषि विभाग को निर्देश दिया गया कि किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे मुफ्त एवं सब्सिडी वाले कृषि यंत्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान इनका लाभ उठा सकें। अभियान के दौरान ग्रामीणों ने पराली न जलाने का आश्वासन दिया।इस निरीक्षण में सीओ सदर जे.पी. त्रिपाठी, तहसीलदार पंकज शाही, उपनिदेशक कृषि संजीव कुमार, जिला सूचना अधिकारी प्रभाकर मणि तड़पती, नायब तहसीलदार विवेक श्रीवास्तव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

