परतावल (महराजगंज)। परतावल विकासखंड के ग्राम सभा पकड़ी दीक्षित इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहा है। तेज़ धूप और भीषण गर्मी में बिजली के बिना बेहाल ग्रामीण अब आक्रोशित हैं। जहां एक ओर सरकार ‘डिजिटल इंडिया’ और ’24 घंटे बिजली’ का दावा करती है, वहीं जमीनी हकीकत में ग्रामीणों को दो-दो दिन तक अंधेरे में रहना पड़ रहा है। बीते दो दिनों से पकड़ी दीक्षित चौराहे सहित आसपास के इलाकों में बिजली पूरी तरह गुल है, लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं दिख रहा।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद हकीम खान द्वारा कई बार परतावल एसडीओ को सूचना देने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।प्रधान प्रतिनिधि ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने बिजली की समस्या को लेकर फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दी, तो एसडीओ कार्यालय आने और लिखित पत्र देने की बात कहकर टालते रहे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर हर छोटी-बड़ी शिकायत के लिए जनप्रतिनिधियों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे, तो फिर ‘डिजिटल इंडिया’ का क्या औचित्य रह जाएगा?गांव में जगह-जगह बिजली के लटके हुए तार और जर्जर खंभे किसी बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहे हैं।
कई स्थानों पर बिजली के तार ज़मीन पर गिर चुके हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। ग्रामीण गोलू, रमेश, सोनू, तबरेज और वारिस खान ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है, पिछले कई महीनों से बिजली आपूर्ति सही से नहीं होती है तार के लूज और जर्ज़र होने से फाल्ट की समस्या बनी रहती है और विभाग आंखें मूंदे बैठा है।ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद हकीम खान ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बिजली व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया, तो वे ग्रामीणों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे और इसकी शिकायत माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी।इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को लेकर शासन-प्रशासन कितने गंभीर हैं। अब देखना यह है कि बिजली विभाग की नींद कब टूटती है और ग्रामीणों को कब राहत मिलती है।

