लखनऊ। राजधानी लखनऊ में पकड़ी गई कोडीन युक्त कफ सिरप की खेप ने पूरे उत्तर भारत में फैले नशे के नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया है। जांच में खुलासा हुआ है कि लखनऊ से अवैध रूप से तैयार की गई दवाओं की आपूर्ति न केवल उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक हुई, बल्कि बिहार और नेपाल के रास्ते बांग्लादेश तक भी पहुंचाई गई। शनिवार को जांच के पुख्ता सबूत मिलने के बाद संबंधित कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच में सामने आया कि लखनऊ स्थित अर्पिक फार्मास्युटिकल्स और ईधिका लाइफसाइंसेज नामक दो कंपनियों ने कोडीन युक्त सिरप को अवैध बिलों और फर्जी लाइसेंस नंबरों के माध्यम से देशभर में सप्लाई किया। विभाग की जांच में कई ऐसी फर्में सामने आईं जो न तो पंजीकृत थीं और न ही उनका कोई अस्तित्व था।
जांच में बड़ा खुलासा
लखनऊ मंडल के सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार ने बताया कि दस्तावेजों की जांच में यह भी सामने आया कि दोनों फर्मों ने फर्जी बिलों, काल्पनिक लाइसेंसधारियों और गलत लाइसेंस नंबरों के जरिये दवाओं की बिक्री की। पहले भी इन कंपनियों पर नशे के कारोबार से जुड़ी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह सिरप औषधि के बजाय नशे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था और इसके पीछे एक संगठित गिरोह सक्रिय है।
विभाग ने कसी जांच की कमर
आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश में संदिग्ध मेडिकल स्टोर्स और फार्मा कंपनियों पर सघन जांच अभियान जारी है। अब तक 115 नमूने जांच के लिए भेजे जा चुके हैं, जिनमें से 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
विभाग ने 25 मेडिकल स्टोर्स पर कोडीन युक्त सिरप और नॉरकोटिक दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। जिन राज्यों में दवाओं की आपूर्ति के प्रमाण मिले हैं, वहां की एजेंसियों को भी सूचित कर दिया गया है ताकि नेटवर्क के हर स्तर तक कार्रवाई की जा सके।

