54 साल बाद फिर बजेगा सायरन, यूपी में कल से मॉक ड्रिल, जनता को सिखाए जाएंगे युद्ध से बचाव के तरीके
लखनऊ, विशेष संवाददाता: राजन। देश में बदलते हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्यों को कमर कसने के निर्देश दिए हैं। उसी के तहत उत्तर प्रदेश में भी तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। सोमवार को नागरिक सुरक्षा विभाग ने पुलिस अफसरों के साथ बैठकर इसकी पूरी रूपरेखा तय कर ली है। अब जल्द ही गाँव-शहरों में लोगों को हवाई हमलों और दूसरे खतरों से बचाव के गुर सिखाए जाएंगे।बताते चलें कि इससे पहले ऐसा अभ्यास करीब 54 साल पहले, साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुआ था। अब एक बार फिर मॉक ड्रिल के जरिए आम जनता को बताया जाएगा कि युद्ध जैसे हालात में खुद को कैसे सुरक्षित रखें। इस दौरान सायरन बजाकर ‘ब्लैक आउट’ की सूचना दी जाएगी, यानी लाइटें बुझा दी जाएँगी ताकि दुश्मन के विमान निशाना न बना सकें। अस्पतालों को पहले से अलर्ट पर रखा जाएगा ताकि जख्मी लोगों का फौरन इलाज हो सके।
डीजी नागरिक सुरक्षा ने दी जानकारी
डीजी नागरिक सुरक्षा अभय कुमार प्रसाद ने बताया कि गृह मंत्रालय से आदेश मिलते ही यूपी में हर जिले में तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। सबसे पहले बड़े और संवेदनशील शहरों से इसकी शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास जनता के लिए भी जरूरी है ताकि संकट की घड़ी में अफरा-तफरी न मचे और हर आदमी समझदारी से काम ले।
डीजीपी बोले- कल से होगी मॉक ड्रिल
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि 7 मई को प्रदेश के 19 जिलों में मॉक ड्रिल कराई जाएगी। इनमें एक जिला ‘ए श्रेणी’, दो जिले ‘सी श्रेणी’ और बाकी ‘बी श्रेणी’ में रखे गए हैं। डीजीपी ने कहा कि सभी जिलों में पुलिस, प्रशासन, फायर ब्रिगेड और आपदा बचाव दल मिलकर यह अभ्यास करेंगे ताकि अगर कोई आकस्मिक हालात बनते हैं तो हम सब मिलकर सामना कर सकें।
गाँव-शहर में बजेगा सायरन, अस्पताल अलर्ट पर
ड्रिल के दौरान गाँव और शहरों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम से एलान होगा और सायरन बजेंगे। लोगों को बताया जाएगा कि ब्लैक आउट कैसे करना है और हवाई हमले के वक्त कहाँ छिपना है। अस्पतालों को चौकन्ना कर दिया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर फौरन इलाज हो सके।
जनता को किया जाएगा जागरूक
सरकार ने तय किया है कि इस अभियान के तहत गाँवों में भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में चौपालों के जरिए बताया जाएगा कि अगर युद्ध जैसे हालात बनते हैं तो किस तरह से जान-माल की हिफाजत करनी है। शहरों में भी मोहल्लों में मुनादी करवाई जाएगी।