डिजिटल डेस्क। पत्नी और दो मासूम बच्चों की हत्या करने वाला शख्स बेखौफ था। न तो उसको अपनों की हत्या करने का जरा भी अफसोस था न ही किसी तरह का डर। वारदात को अंजाम देने के बाद वह उसी कमरे में सोता था, जहां तीनों लाशें पड़ी थीं। उसी कमरे में खाना बनाकर खाता था, सुबह कमरा बंद कर काम पर चला जाता था। बदबू न आए इसलिए नीम की पत्तियां जलाता था। ये सब देखकर पुलिस अफसरों से लेकर इलाकाई लोग हैरान रह गए।
डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि हत्या करने के बाद वह समझ नहीं पा रहा था कि शव कैसे और कहां ठिकाने लगाए। इसलिए वहीं पर लाशें पड़ी रहीं। चूंकि उसकी पत्नी ज्योति के परिजनों के संपर्क में न तो वह था न ही ज्योति, इसलिए वह और भी ज्यादा बेफिक्र था। उसको पता था कि कोई भी उसकी तलाश करने नहीं आएगा। जब रविवार को उसके मकान मालिक वहां पहुंचे तो कमरे में ताला बंद मिला। उनको पता था कि वह कहां काम करता है। तभी उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जहां से रामलगन गिरफ्तार किया गया।
बच्चों के शव देख उड़े होश
मकान मालिक ने खिड़की से जब कमरे में देखा तो केवल ज्योति का शव ही दिख रहा था। किसी को जरा भी अंदाजा नहीं था कि भीतर तीन शव हैं। जब पुलिस ने कमरे का दरवाजा खोला तो सबसे पहले ज्योति का शव कब्जे में लिया। तभी पास में रखे दो बोरों पर नजर पड़ी। उसमें से एक बोरे से हाथ व दूसरे से थोड़ा सा सिर बाहर दिख रहा था। बोरे खोले गए तो उनमें दोनों मासूमों के शव मिले। ये देख सभी के होश उड़ गए।
बच्चे बोले… मम्मी को क्यों मारा? तो उनका भी घोंट दिया गला
रामलगन पत्नी का गला कस रहा था। दोनों मासूम बच्चे चीख-पुकार कर रहे थे। वह कोशिश कर रहे थे कि पिता मां को छोड़ दें लेकिन ऐसा न हुआ। चंद सेकेंड में रामलगन ने ज्योति को मौत के घाट उतार दिया। फिर बच्चों ने जैसे ही उससे पूछा कि मम्मी को क्यों मार कर दिया…ये सुनकर रामलगन ने पहले बेटी और फिर बेटे का भी गला घोंट दिया। क्रूरता की ये बातें खुद आरोपी रामलगन ने पूछताछ में पुलिस को बताईं।